Sawan Somvar Vrat Katha | सावन सोमवार व्रत कथा : भगवान शिव के प्रिय व्रत की महिमा

Sawan Somvar Vrat Katha ( सावन सोमवार व्रत कथा ): भगवान शिव के प्रिय व्रत की महिमा
भारतीय संस्कृति में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है। सावन के महीने में हर सोमवार को भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। सावन सोमवार व्रत कथा भगवान शिव के प्रिय व्रत की महिमा का वर्णन करती है। इस व्रत के विधि-विधान और महत्वपूर्ण पौराणिक कथाएं लोगों को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती हैं।

Sawan Somvar Vrat Katha

व्रत की तैयारी
सावन सोमवार व्रत ( Sawan Somvar Vrat Katha ) की तैयारी समय से पूर्व शुरू होती है। लोग इस व्रत को आत्मशुद्धि और दिव्यता का संदेश देता हैं, इसलिए वे इसे एक सावधानीपूर्वक और श्रद्धा भाव से करते हैं। व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और शिवलिंग की पूजा के लिए सभी सामग्री को विधिवत तैयार करना शुरू किया जाता है।

सावन सोमवार व्रत कथा : Sawan Somvar Vrat Katha 

धर्मराज महाराज की भक्ति

दिन प्रतिदिन बढ़ती भगवान शिव की भक्ति ने धर्मराज यमराज को भी प्रभावित किया। उन्होंने भी सावन के सोमवार का व्रत रखना शुरू किया और भगवान शिव की पूजा अनुसरण की।

शिव की कृपा

एक बार सावन के महीने में, धर्मराज यमराज ने अपने व्रत के समय भगवान शिव की पूजा की और भोलेनाथ से वरदान मांगा कि उन्हें उनकी भक्ति और सेवा करने की शक्ति देने के लिए। भगवान शिव ने धर्मराज की भक्ति को स्वीकार किया और उन्हें अपनी कृपा से आशीर्वाद दिया।

सावन के सोमवार के व्रत की महिमा

सावन के सोमवार के व्रत को आचार्य महर्षि वेदव्यास ने प्रशंसा की थी। उन्होंने इस व्रत के महत्व को बताया था कि इस व्रत के द्वारा मनुष्य अपने मन को शुद्ध करता है और ध्यान को स्थिर रखता है। सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 


सावन के सोमवार का व्रत विधि
इस व्रत को आदर्श रूप से मानने के लिए विशेष विधि का पालन किया जाता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद, भगवान शिव के चित्र को गंदगी से शुद्ध कर उसे फूल, धूप, और चावल के चावल चढ़ाते हैं। ध्यान और मन्त्र-जाप के साथ शिवलिंग को जल अर्पित करते हैं और व्रती व्रत कथा सुनते हैं जो व्रत के महत्व को समझाती है। इसके बाद, भक्त भगवान शिव की आरती करते हैं और प्रसाद को सभी के साथ बांटते हैं। 
  • सावन सोमवार व्रत के महत्वपूर्ण उपाय 
  • भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करें। 
  • सावन के महीने में गंगा जल से नाम और चेहरे को धोएं। 
  • भगवान शिव के भजन और मंत्र का जाप करें। 
  • शिव पुराण सुनें और उनके गुणों का गुणगान करें। 
  • सावन सोमवार व्रत के लाभ 
  • आध्यात्मिक उन्नति का साधन। 
  • मानसिक शांति और समृद्धि का साधन।

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग

  1. सोमनाथ ज्योतिर्लिंग – गुजरात के प्राचीन शहर प्रभास पट्टणम में स्थित है।
  2. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग – आंध्र प्रदेश के स्रीशैलम नामक स्थान पर स्थित है।
  3. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग – मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में स्थित है।
  4. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र के वेरुल नामक स्थान पर स्थित है।
  5. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग – उत्तराखंड के हिमालयी पर्वत में स्थित है।
  6. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र के पुणे नगर के निकदी भीमाशंकर पहाड़ी पर स्थित है।
  7. केदारनाथ ज्योतिर्लिंग – उत्तराखंड के हिमालयी पर्वत में स्थित है।
  8. विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग – उत्तर प्रदेश के वाराणसी नगर में स्थित है।
  9. त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र के नासिक नगर के पास त्र्यंबक पहाड़ी पर स्थित है।
  10. कृष्णार्पित कामिका ज्योतिर्लिंग – उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग नगर में स्थित है।
  11. गृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र के एलोरा नगर के पास स्थित है।
  12. भीमशंकर ज्योतिर्लिंग – महाराष्ट्र के पुणे नगर के निकदी भीमाशंकर पहाड़ी पर स्थित है। 

Sawan Somvar Vrat Katha ( सावन सोमवार व्रत कथा ):

एक समय की बात है, एक गांव में एक भक्ति भावी व्यक्ति रहता था। उसका नाम रामू था। वह हर सोमवार को सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करने का व्रत रखता था। रामू बहुत ही धार्मिक और निष्ठावान व्यक्ति था, और उसके घर में भगवान शिव की मूर्ति की पूजा विधिवत और भक्ति भाव से होती थी।
एक बार सावन के महीने में बहुत ही भीषण गरज-बड़ज और बारिश हो रही थी। इस दिन सोमवार का व्रत रामू ने बड़े श्रद्धा भाव से किया। वह सारे दिन भगवान शिव के भजन और कीर्तन करता रहा। रात को जब उसने पूरे मन और भाव से भगवान की पूजा की, तो भगवान शिव उसके सामने प्रकट हो गए।
भगवान शिव की ज्योतिर्मय विग्रह को देखकर रामू का मन आनंद से भर गया। भगवान ने उससे प्रसन्न होते हुए उससे वरदान मांगा। भगवान ने कहा, “हे रामू, मैं तुझसे बहुत प्रसन्न हूँ। तूने मेरी पूजा भक्ति भाव से की है। तेरी मनोकामना पूरी करने के लिए मैं तुझे वरदान देता हूँ।”
रामू बहुत खुश हुआ और भगवान से कहा, “हे भगवान, मुझे अपनी भक्ति और सेवा में निरन्तर लगा दो।” भगवान शिव ने रामू की प्रार्थना स्वीकार की और उसे आशीर्वाद दिया।
इस व्रत के बाद से हर सोमवार को रामू ने भगवान शिव की पूजा करनी शुरू की। उसकी जिन्दगी में सुख, शांति, और समृद्धि की बरसात हो गई। उसके घर में खुशियां और आनंद की ताजगी छा गई। रामू ने अपने परिवार और समाज के लोगों को भी इस व्रत की महिमा और महत्व के बारे में बताया और उन्हें भगवान शिव की पूजा करने के लिए प्रेरित किया।
इस तरह से, सावन के महीने में हर सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने से मनुष्य के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के इस व्रत को समर्थ भक्त अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और खुशियां प्राप्त कर सकते हैं।


भगवान शिव के कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति।
निष्कर्ष
सावन सोमवार व्रत भगवान शिव के प्रिय व्रतों में से एक है जो भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति का मार्ग दिखाता है। इस व्रत के विधि-विधान का पालन करने से मनुष्य के जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन सोमवार व्रत को सही तरीके से करने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन सफलता और समृद्धि से भर जाता है। 

 अद्भुत पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

सावन सोमवार के व्रत को किस तारीख को किया जाता है?

उत्तर: सावन के महीने में हर सोमवार को यह व्रत किया जाता है।

व्रत के दौरान कौन-कौन सी चीजें खाने की अनुमति है?

उत्तर: व्रत के दौरान फल, सब्जियां, दूध, दही, घी, और शक्कर खाने की अनुमति है।

सावन के महीने में क्यों शिवलिंग को जल चढ़ाते हैं?

उत्तर: सावन के महीने में शिवलिंग को जल चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा मिलती है और उनके आशीर्वाद से मनुष्य को सुख-शांति मिलती है।

सावन के सोमवार के व्रत को सभी धर्म के लोग कर सकते हैं?

उत्तर: हां, सावन के सोमवार के व्रत को सभी धर्म के लोग कर सकते हैं, भगवान शिव सभी को अपने भक्त मानते हैं।

सावन सोमवार व्रत को करने से क्या लाभ होता है?

उत्तर: सावन सोमवार व्रत को करने से मनुष्य के जीवन में आध्यात्मिक और मानसिक उन्नति होती है, और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

सावन महीने के सोमवार का व्रत भगवान शिव के प्रिय व्रतों में से एक है जिसका महत्वपूर्ण कथा भगवान शिव के भक्तों को अपनी भक्ति और विश्वास में स्थिर करता है। इस व्रत के द्वारा भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उन्हें आनंद, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए, सावन महीने के सोमवार को भगवान शिव की भक्ति में खोने का विशेष अवसर है और इस दिन को ध्यान और भगवान शिव की पूजा के साथ बिताना चाहिए।

आज के इस लेख में हमने Sawan Somvar Vrat Katha In Hindi के बारे में जानकारी दी है। यदि आपको इस लेख में किसी शब्द से आपत्ति हो तो आप हमें मेल करे या कमेंट करे। 

Leave a Comment