Diwali Vrat Katha In Hindi : दिवाली व्रत कथा

Diwali Vrat Katha In Hindi : दिवाली व्रत कथा दिवाली एक विशेष त्यौहार है जो किसी विशेष माह में एक विशेष दिन पर होता है। यह देवी महालक्ष्मी का उत्सव है और लोग इसे बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। जिस तरह अलग-अलग समूहों के लोगों के लिए अलग-अलग त्योहार होते हैं, उसी तरह वैश्य नामक समूह के लिए दिवाली एक त्योहार है।

Diwali Vrat Katha In Hindi


दिवाली हिन्दू का एक पवित्र त्यौहार है इस दिन माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक मन जाता है इस लिए इस दिन दिप उत्सव के नाम से भी जाना जाता है। 

भारत एक बड़ा देश होने के कारण यहां सभी हिंदू लोग मिलकर चार प्रमुख त्योहार मनाते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे बहुत पहले किस समूह में पैदा हुए थे। दिवाली के दिन लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और उन्हें सुंदर बनाते हैं। वे विशेष दीपक जलाते हैं और बच्चे आतिशबाजी चलाने में बहुत आनंद लेते हैं।

Diwali Vrat Katha In Hindi : दिवाली व्रत कथा 

Diwali Vrat Katha : दिवाली व्रत कथा एक बार, एक जंगल में एक आदमी रहता था जो लोगों को पैसे उधार देता था। उनकी बेटी हर दिन एक विशेष पेड़ को पानी देती थी। यह पेड़ बहुत महत्वपूर्ण था क्योंकि इस पर देवी लक्ष्मी का वास था। एक दिन, देवी ने लड़की से कहा कि वह उसकी दोस्त बनना चाहती है। लड़की खुश हुई और कहा कि वह अपने पिता से पूछेगी और बाद में जवाब देगी।

बाद में साहूकार की बेटी अपने पिता के पास गई और उनसे सारी बात साझा की। अगले दिन, उसने देवी लक्ष्मी से दोस्ती करने का फैसला किया। वे वास्तव में करीब आ गए और एक-दूसरे से खूब बातें करने लगे। एक दिन, देवी लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी को अपने घर बुलाया और उसका गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने उसे विभिन्न प्रकार के भोजन भी खिलाए।

जब साहूकार की बेटी माँ लक्ष्मी के घर से वापस आई तो माँ लक्ष्मी ने उससे पूछा कि वह कब उससे मिलने उसके घर आ सकती है। बेटी को चिंता होने लगी क्योंकि उसके परिवार के पास बहुत सारा पैसा नहीं था और उसे यकीन नहीं था कि वे माँ लक्ष्मी का ठीक से स्वागत कर पाएंगे या नहीं। वह उदास हो गई और उसके पिता ने ध्यान दिया। उसने उससे मिट्टी से एक चौकोर आकार बनाने और उसे साफ करने के लिए कहा। फिर उसे चार बत्तियों वाला दीपक जलाना चाहिए और मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए उनका नाम लेना चाहिए।

Diwali Vrat Katha In Hindi


Diwali Vrat Katha : एक बार की बात है, एक लड़का था जिसने अपने पिता की बात मानी और वैसा ही किया। इस बीच, एक चील उड़ रही थी और उसने गलती से एक लड़की के सामने एक सुंदर हार गिरा दिया जो अपने साहूकार पिता के साथ रहती थी। लड़की ने तुरंत हार बेच दिया और उस पैसे से खाना खरीदा। कुछ समय बाद उस लड़की के घर पर माता लक्ष्मी नामक देवी और भगवान श्रीगणेश नामक देवता आये। लड़की ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया और उन्हें खुश किया। अपनी दयालुता के कारण, माँ लक्ष्मी ने लड़की और उसके पिता के सभी कष्ट दूर कर दिए। तब से वे अमीर लोगों की तरह रहने लगे।

दिवाली व्रत विधि क्या है?

  • दिवाली के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें।
  • स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • पूरे घर की साफ-सफाई करने के बाद माता लक्ष्मी के नाम की ज्योत जगाएं।
  • अब आप माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की  विधिपूर्वक पूजा करें।
  • इस दिन आप फल, दूध और सात्विक पदार्थों का सेवन करें।
  • दिवाली की शाम को शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
  • पूजा संपन्न होने के बाद माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाएं।
  • कुछ समय बाद स्वयं उस भोग को प्रसाद रूप में लें।
  • इसके अलावा किसी जरूरतमंद दान जरूर करें ।

दिवाली का महत्व

दिवाली, जो भारत में एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, वह खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। यह एक धार्मिक और सामाजिक त्योहार है जो परिवारों और समुदायों के बीच में खुशियों का जश्न मनाने के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली के इस अद्वितीय अवसर पर, धन समृद्धि का त्योहार मनाया जाता है। लोग इस दिन सोना, चांदी, गाड़ियाँ, और ज़मीन आदि खरीदते हैं, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में वृद्धि होती है।

दिवाली के आने से पहले ही, लोग अपने घरों और दुकानों की सफ़ाई करते हैं, रंग रोगन और सजावट करते हैं, ताकि उनके घर में खुशियों की महौल बने। यह त्योहार एक पोजिटिव और उत्साहभरा आत्माविश्वास भरा देता है और लोगों को सामाजिक में आपसी सदभावना और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।

दिवाली कब है 2023 में 

Diwali Kab Hai 2023 Mai : 2023 में दीपावली 12 नवंबर को है। दीपावली के दिन, लक्ष्मी गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:40 से शुरू होकर 7:36 तक रहेगा। महानिशीथ काल का मुहूर्त देर रात 11:49 से मध्य रात्रि 12:31 तक रहेगा, और इस मुहूर्त में लक्ष्मी जी की पूजा करने से अपार सुख समृद्धि मिलती है।

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