मंगलवार व्रत: व्रत कथा, व्रत विधि, व्रत सामग्री, और मंगलवार की आरती : Mangalwar Vrat Katha In Hindi

Mangalwar Vrat Katha In Hindi: मंगलवार व्रत एक महत्वपूर्ण हिन्दू व्रत है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह व्रत हर मंगलवार को किया जाता है और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस आर्टिकल में, हम जानेंगे कि मंगलवार व्रत का इतिहास, व्रत विधि, व्रत सामग्री, मंगलवार की आरती, और व्रत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में।

Mangalwar Vrat Katha In Hindi


मंगलवार व्रत विधि

मंगलवार व्रत की विधि बहुत ही सरल है। व्रत के दिन व्यक्ति को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए। फिर व्रत की संबंधित पूजा सामग्री जैसे कि लाल रंग के फूल, बील पत्र, सिन्दूर, गुड़, नीम के पत्ते, गंगाजल, इत्यादि को इकट्ठा करके भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने रखना चाहिए। फिर पूजा करते समय विशेष ध्यान देना चाहिए कि पूजा सामग्री को विशेष भाव से और श्रद्धा के साथ प्रयोग किया जाए।

मंगलवार व्रत सामग्री

मंगलवार व्रत (Mangalwar Vrat Katha) के लिए आवश्यक सामग्री को आपके पास होना चाहिए। यह सामग्री आपकी पूजा का आयोजन करने में मदद करेगी और आपको व्रत को सही तरीके से करने में मदद मिलेगी।

  1. लाल रंग के फूल
  2. बील पत्र
  3. सिन्दूर
  4. गुड़
  5. नीम के पत्ते
  6. गंगाजल
  7. पूजा की थाली
  8. दीपक
  9. अगरबत्ती

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha In Hindi ) : पहला 

मंगलवार व्रत की कथा के अनुसार, एक बार एक राजा था जिनका नाम धर्मवर्धन था। वह भगवान हनुमान के बड़े भक्त थे। एक दिन उन्होंने अपने परिवार के साथ भगवान हनुमान की पूजा करने का निश्चय किया। व्रत के दिन वह भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए गुरुकुल गए और पूजा का आयोजन किया। उन्होंने पूजा के बाद भगवान हनुमान से उनकी मनोकामना मांगी कि वह उनके पुत्रकी रक्षा करें। भगवान हनुमान ने धर्मवर्धन की प्रार्थना स्वीकार की और उनके पुत्रकी रक्षा की। इसके बाद से धर्मवर्धन ने हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा की और व्रत बड़े श्रद्धा भाव से किया।

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha) : दूसरा 

ब्राह्मण दंपत्ति एक समय बहुत दुखी थे क्योंकि उनके पास कोई बच्चा नहीं था। एक बार वह ब्राह्मण वन में हनुमान की पूजा करता था। वहाँ उसने पूजा करके महावीर से एक पुत्र की इच्छा व्यक्त की।
उसकी पत्नी भी घर पर मंगलवार को व्रत रखती थी, ताकि उसे एक पुत्र मिल सके। मंगलवार के व्रत के अंत में वह सिर्फ हनुमान जी को खाती थी।
एक व्रत के दिन, एक ब्राह्मण न तो भोजन बना पाया और न ही हनुमान को भोजन लगा पाया। उसने ठान लिया कि अगले मंगलवार को वह हनुमान को खाकर ही खाएगी।
छह दिन तक वह भूखी प्यासी पड़ी रही। मंगलवार को वह थक गई। उसकी निष्ठा और लगन देखकर हनुमान प्रसन्न हुए। उन्होंने ब्राह्मणी को एक पुत्र देकर उसे आशीर्वाद दिया और कहा कि यह बहुत मदद करेगा।
बालक को पाकर ब्राह्मण बहुत खुश हुआ। बालक का नाम मंगल था। ब्राह्मण कुछ समय बाद घर आया और बालक को देखकर पूछा कि वह कौन था?
पति ने बताया कि मंगलवार के व्रत से खुश होकर हनुमान ने उसे यह बच्चा दिया है। ब्राह्मण अपनी पत्नी की बात नहीं मानते थे। बालक को एक दिन मौका देख एक ब्राह्मण ने कुएं में गिरा दिया।
घर लौटते ही एक ब्राह्मण ने पूछा कि मंगल कहां है? पीछे से मंगल ने मुस्कुराया। ब्राह्मण को फिर से देखकर आश्चर्य हुआ। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में देखा और बताया कि उन्होंने उसे यह पुत्र दिया है।
ब्राह्मण सत्य को जानकर बहुत प्रसन्न हुए। ब्राह्मण दंपत्ति ने इसके बाद हर मंगलवार व्रत रखने लगा।
जो व्यक्ति मंगलवार को व्रत कथा पढ़ता या सुनता है और नियमित रूप से व्रत रखता है, उसे हनुमानजी की कृपा से सभी दुःख दूर होते हैं और वे हनुमानजी की दया के पात्र बनते हैं।


मंगलवार की आरती

मंगलवार की आरती करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्ति होती है और व्यक्ति को शांति मिलती है।

आरती कीजै हनुमान लला की ।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥


जाके बल से गिरवर काँपे ।

रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई ।

संतन के प्रभु सदा सहाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥


दे वीरा रघुनाथ पठाए ।

लंका जारि सिया सुधि लाये ॥

लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।

जात पवनसुत बार न लाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥


लंका जारि असुर संहारे ।

सियाराम जी के काज सँवारे ॥

लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।

लाये संजिवन प्राण उबारे ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥


पैठि पताल तोरि जमकारे ।

अहिरावण की भुजा उखारे ॥

बाईं भुजा असुर दल मारे ।

दाहिने भुजा संतजन तारे ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥


सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।

जय जय जय हनुमान उचारें ॥

कंचन थार कपूर लौ छाई ।

आरती करत अंजना माई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ॥


जो हनुमानजी की आरती गावे ।

बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥

लंक विध्वंस किये रघुराई ।

तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥


आरती कीजै हनुमान लला की ।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

॥ इति संपूर्णंम् ॥

मंगलवार व्रत के फायदे

भगवान हनुमान की कृपा: मंगलवार व्रत का पालन करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्ति होती है और आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।


रोग निवारण: इस व्रत से आपको शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिल सकती है।

मानसिक शक्ति में वृद्धि: मंगलवार व्रत का पालन करने से आपकी मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है और आपका मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

FAQs (पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. मंगलवार व्रत कितने दिनों तक किया जा सकता है?

मंगलवार व्रत को आप एक सप्ताह तक अथवा लंबे समय तक भी कर सकते हैं।

2. व्रत के दौरान कौन सी चीजें खानी चाहिए?

व्रत के दौरान सात्विक आहार खाना चाहिए और तली हुई, मसालेदार, और तीखी चीजें नहीं खानी चाहिए।

3. क्या व्रत के दौरान पानी पीने की अनुमति है?

हां, व्रत के दौरान पानी पीने की अनुमति है। पानी से शरीर की हुई वातावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने में मदद मिलती है।

4. क्या मंगलवार के अलावा भी किसी और दिन व्रत कर सकते हैं?

हां, भगवान हनुमान की पूजा और व्रत को किसी भी दिन कर सकते हैं, लेकिन मंगलवार को यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।

5. मंगलवार की आरती कितनी बार करनी चाहिए?

मंगलवार की आरती को कम से कम तीन बार पढ़ना चाहिए। यदि संभावना हो तो आप इसे पांच बार या उससे अधिक बार भी पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष

मंगलवार व्रत एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान हनुमान को समर्पित है। इस व्रत को करने से आपको आत्मिक शक्ति मिलती है और आपके जीवन में सुख-शांति का अहसास होता है। इस व्रत की विधि को ध्यानपूर्वक पालन करके आप भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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